
बहराइच डेस्क। उत्तर प्रदेश में केला किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और बागवानी मिशन जैसी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। हालांकि, बहराइच में इन योजनाओं के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आए हैं। किसानों का आरोप है कि विभागीय अधिकारी और कर्मचारी इन योजनाओं का लाभ किसानों तक पहुंचाने की बजाय अपना हित साधने में लगे हैं।
धरसवा गांव के निवासी राज कुमार सिंह ने जिलाधिकारी को शपथ पत्र देकर शिकायत की है कि जिला उद्यान अधिकारी दिनेश चौधरी और उद्यान निरीक्षक पंकज वर्मा उनसे अनुदान देने के नाम पर 50% कमीशन की मांग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि विभाग ने उनके खेत के एक-एक पौधे तक की गिनती की, लेकिन कई बार चक्कर लगाने के बाद भी उन्हें पिछले वर्ष और इस वर्ष कोई अनुदान नहीं मिला। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके गांव के आनंद प्रताप सिंह, शेखर सिंह और किरण सिंह जैसे लोगों को फर्जी तरीके से भुगतान किया गया है, जबकि उनके खेतों में केले के पौधे भी नहीं लगे हैं।
केला टिशू कल्चर के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना या बागवानी मिशन के तहत इकाई लागत का 40% अनुदान दिया जाता है। बिना ड्रिप सुविधा वाले केले के लिए, इकाई लागत 1,02,462 रुपये प्रति हेक्टेयर है, जिसमें से 40,985 रुपये दो वर्षों में अनुदान के रूप में दिए जाते हैं। किसानों का कहना है कि कई मामलों में जिन किसानों को पैसा मिलता भी है, उन्हें दूसरे वर्ष कोई रकम नहीं दी जाती, बल्कि खाद के नाम पर खानापूर्ति कर ली जाती है।
राज कुमार ने बताया कि उन्होंने जिलाधिकारी मोनिका रानी से मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित करने का अनुरोध किया है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने अपने भुगतान के लिए सांसद आनंद गौड़ और पद्मसेन चौधरी से भी फोन करवाया, लेकिन उद्यान अधिकारी दिनेश चौधरी पर कोई असर नहीं हुआ।
किसानों का आरोप है कि सरकार केले की खेती का विस्तार करने और किसानों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए नई-नई योजनाएं बनाती है, लेकिन दिनेश चौधरी जैसे अधिकारियों के कारण इन योजनाओं का लाभ किसानों तक नहीं पहुंच पा रहा है।
बहराइच में पिछले वर्ष 250 हेक्टेयर केले की खेती का लक्ष्य था और इस वर्ष 150 हेक्टेयर का लक्ष्य है। इस प्रकार दो वर्षों में 400 हेक्टेयर का लक्ष्य है। किसानों का अनुमान है कि यदि 4 करोड़ रुपये की योजना में 50% कमीशनखोरी हुई है, तो अकेले इस योजना में 2 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है।