बहराइच डेस्क। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के महराजगंज बाजार में दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान हुई घटना ने पूरे क्षेत्र में साम्प्रदायिक तनाव को जन्म दिया। सामान्यतः धार्मिक उत्सवों में एकता और भाईचारा देखने को मिलता है, लेकिन इस बार कुछ असामाजिक तत्वों ने माहौल को खराब करने का प्रयास किया। मूर्ति विसर्जन जुलूस के दौरान जब डीजे पर गाने बजाए जा रहे थे, तभी एक समुदाय विशेष के लोगों ने आपत्ति जताई, जो एक उग्र विवाद में तब्दील हो गया।
बताया गया है कि इस विवाद के दौरान राम गोपाल मिश्रा नामक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना ने न केवल परिवार को बल्कि सम्पूर्ण क्षेत्र को आघात पहुँचाया और इसके परिणामस्वरूप हिंसा भड़क उठी। कई घरों और दुकानों में आग लगा दी गई और वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया। इस बढ़ती हुई हिंसा के मद्देनज़र, शासन द्वारा इंटरनेट सेवाएं बंद करने का निर्णय लिया गया, जिससे अफवाहों के फैलने पर रोक लगाई जा सके। हालांकि बुधवार को रात करीब 12 बजे के आसपास इंटरनेट सेवाओं को फिर बहाल कर दिया गया है, जो कि लोगों के लिए एक राहत की बात थी।
अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, डॉक्टर पवित्र मोहन त्रिपाठी ने स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही कई अफवाहें निराधार हैं, जिसमें राम गोपाल मिश्रा की मृत्यू को लेकर भ्रामक जानकारी साझा की गई। ऐसे समय में जब समाज को एकजुटता की सबसे अधिक आवश्यकता होती है, ऐसी अफवाहें और अधिक तनाव पैदा करती हैं।
बहराइच की इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि हमें साम्प्रदायिक सौहार्द को बनाए रखने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे। सभी समुदायों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि एकता में बल है, और किसी भी प्रकार की हिंसा से केवल विभाजन ही होगा। स्थानीय प्रशासन और पुलिस की जिम्मेदारी है कि वे ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करें और यही संदेश समाज के हर वर्ग में पहुँचाएं। बहराइच की इस दुखद घटना से सबक लेकर हमें एक समरस, शांतिपूर्ण और सहिष्णु समाज का निर्माण करना होगा।