बहराइच डेस्क। उत्तर प्रदेश के की तहसील महसी अन्तर्गत मानव वन्यजीव संघर्ष निवारण की समीक्षा हेतु प्रदेश के मंत्री मत्स्य/जनपद प्रभारी मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) वन एवं पर्यावरण जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन डॉ. अरूण कुमार सक्सेना ने कलेक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में दोनों मंत्रीयों ने निर्देश दिया कि वन, राजस्व, पुलिस, स्वास्थ्य, ऊर्जा व अन्य सम्बन्धित विभाग बेहतर तालमेल एवं समन्वय के युद्ध स्तर पर कार्यवाही करते हुए हिंसक वन्यजीवों को पकड़ने की कार्यवाही करें।
मंत्री द्वय द्वारा निर्देश दिये गये कि सभी सम्बन्धित विभाग अपने-अपने विभाग के लिए एक नोडल अधिकारी नामित कर दें ताकि यह अभियान सफलतापूर्वक संचालित हो सके। सर्च आपरेशन में लगाई गई टीमों का विवरण जन प्रतिनिधियों को भी उपलब्ध कराया जाय। विद्युत विभाग को निर्देश दिया गया कि प्रभावित क्षेत्रों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक प्रबन्ध सुनिश्चित किये जायें। स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया गया कि महर्षि बालार्क चिकित्सालय का इमरजेन्सी व प्रभावित क्षेत्र के स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध एम्बुलेन्स को क्रियाशील रखा जाय तथा चिकित्सकों व पैरा मेडिकल स्टाफ की उपस्थिति भी सुनिश्चित की जाय।
मंत्री द्वय द्वारा निर्देश दिये गये कि प्रभावित क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से जनजागरूकता अभियान संचालित कर लोगों बाहर न सोने तथा घर में भी सुरक्षित तरीके से सोने के लिए जागरूक किया जाय। मंत्री द्वय ने कहा कि मानव वन्यजीव की घटनाओं को लेकर माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी अत्यन्त संवेदनशील है। हिंसक जीवों को पकड़ने के लिए संसाधन व धन की कमी आड़े नहीं आयेगी। सर्च आपरेशन के लिए जिम्मेदार सभी विभाग पूरे मनोयोग के साथ कार्य करते हुए शीघ्र से शीघ्र हिंसक जीवों को पकड़ने की कार्यवाही करें। मंत्री द्वय ने कहा कि सर्च आपरेशन में मदद के लिए जिले में विशेषज्ञों की टीम भी पहुंच चुकी है। हम सभी लोगों को आशा है कि शीघ्र ही हिंसक जीव पकड़ लिये जायेंगे।
बैठक में मौजूद अपर मुख्य सचिव वन मनोज सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सर्च आपरेशन के दौरान जनप्रतिनिधियों के सुझावों को भी महत्व दिया जाये क्योंकि जनप्रतिनिधि क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों से भली भांति परिचित होते हैं। श्री सिंह ने निर्देश दिया कि अभियान से जुड़े विभागों एवं सर्च टीमों में किसी भी स्तर पर संवादहीनता नहीं होनी चाहिए। क्योंकि इतने बड़े भू-भाग पर सफल सर्च आपरेशन संचालित करने के लिए समन्वय अत्यन्त महत्वपूर्ण है। श्री सिंह ने निर्देश दिया कि संवेदनशील एवं चिन्हित स्थानों विशेष प्रयास किया जाय। आपरेशन के लिए जिम्मेदार सभी अधिकारी एवं कर्मचारी अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन भली प्रकार से करें। ग्रामवासियों के स्तर से यदि कोई सूचना प्राप्त होती है उस पर तत्काल रिस्पांस किया जाय। अभियान के दौरान यदि किसी स्तर पर लापरवाही सामने आती है तो सम्बन्धित के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी मोनिका रानी ने मानव वन्य जीव संघर्ष निवारण के सम्बन्ध में की जा रही कार्यवाही का विवरण प्रस्तुत करते हुए आश्वस्त किया कि बैठक के दौरान मा. मंत्रीगण, जनप्रतिनिधियों एवं अपर मुख्य सचिव के स्तर से प्राप्त होने वाले निर्देशों एवं सुझावों को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित कराया जायेगा।
इस अवसर पर पीसीसीएफ श्रीमती रेनू सिंह व वन्यजीव के संजय श्रीवास्तव, डीआईजी देवीपाटन मण्डल अमरेन्द्र प्रसाद सिंह, वन संरक्षक देवीपाटन मण्डल मनोज कुमार सोनकर, पुलिस अधीक्षक बृन्दा शुक्ला, मुख्य विकास अधिकारी मुकेश चन्द्र, डीएफओ बहराइच अजीत प्रताप सिंह, कतर्नियाघाट के बी. शिव शंकर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय शर्मा, जिला विकास अधिकारी राज कुमार सहित अन्य जिला स्तरीय तथा वन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे दौरान किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बैठक के दौरान जिलाधिकारी मोनिका रानी ने मानव वन्य जीव संघर्ष की रोकथाम के सम्बन्ध में की गयी कार्यवाही का विवरण प्रस्तुत किया तथा आश्वस्त किया कि बैठक के दौरान माननीय मंत्रीगण,जन प्रतिनिधियों एवं अपर मुख्य सचिव स्तर से प्राप्त एवं सुझावों पर अमल किया जायेगा प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जाए। इस मौके पर वाइल्ड लाइफ की पीसीसीएफ सुश्री रेनू सिंह व संजय श्रीवास्तव, डीआइजी देवीपाटन मंडल अमरेंद्र प्रसाद सिंह, वन संरक्षक देवीपाटन मंडल मनोज कुमार सोनकर, पुलिस अधीक्षक ब्रेंडा शुक्ला, मुख्य विकास अधिकारी मुकेश चंद्र, डीएफओ बहराइच अजीत प्रताप सिंह, बीएसपी व अन्य मौजूद रहे। शिव शंकर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय शर्मा, जिला विकास अधिकारी राजकुमार सहित अन्य जिला स्तरीय एवं वन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।